सोमवार, 19 जुलाई 2010

मैंगलोर विमान हादसे ने ली 158 जिंदगियां! ......suri


मैंगलोर हवाई अड्डे पर शनिवार की सुबह जब सूरज निकल भी न था कि कई जिंदगियों का सूरज हमेशा-हमेशा के लिए डूब गया। दुबई से ढेर-सारे सपने अपने में समाये हुए यह विमान अपने देश, अपने घर की जमीन को छुआ भर ही था कि आग की लपटों में तबाह हो गया और उस आग में न जाने कितने सपने, कितने अरमान जलकर राख हो गए।











इस दुखद और भयानक विमान हादसे में 158 बदनसीब लोग मौत की नींद में सो गए, तो आठ खुशनसीब लोगों को जिंदगी ने अपनी आगोश में ले लिया। मौत की नींद में सोनेवालों में 23 मासूम बच्चे भी शामिल थे, जिन्होंने कभी सोचा भी न होगा कि दूर आसमान में जिसे उड़ता देख वे खुश हुआ करते थे, वही कभी उनकी जान भी ले लेगा!

उमर फारूक उन जीवित बचे लोगों में से हैं जो जैसे-तैसे दुर्घटनाग्रस्त विमान से बाहर निकलने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि जब विमान उतर रहा था तभी उसका अगला चक्का फट गया और वे रनवे से बाहर निकल गए। इसके तत्काल बाद उसमें आग लग गई। विमान में दरार पड़ गई और वे उसी के जरिए बाहर निकलने में कामयाब रहा। उन्होंने बताया कि फारूक के साथ दो-तीन और लोग वहां से कूदे थे, लेकिन वे बच पाए या नहीं, यह पता नहीं है। फारूक के सिर और चेहरे का अधिकांश हिस्सा जल गया है।

जीवित बचनेवालों में से एक ने शिकायत की कि चालक दल ने उतरने से पूर्व यात्रियों को आगाह भी नहीं किया था। यहां तक कि उन्हें सीट बेल्ट बांधने की सूचना तक नहीं दी गई थी। उधर, एयर इंडिया प्रशासन का कहना है कि विमान चालकों ने विमान उतारते समय या विमान के हवाई पट्टी पर उतरने के बाद किसी भी तरह की विपत्ति का संकेत नहीं दिया। सरकार ने जांच के आदेश तो दे दिए हैं कि विमान दुर्घटना की जांच हो, लेकिन उन जिंदगियों का क्या होगा जो इस खौफनाक हादसे का शिकार हो गईं!

दुबई से उड़े एयर इंडिया के विमान आईएक्स-812 का बोइंग 737 में सवार 166 यात्रियों में से 158 लोग मौत का शिकार हुए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर लोगों के शव इतने क्षत-विक्षत हालत में हैं कि उनकी शिनाख्त संभव नहीं है। विमान का अगला हिस्सा पूरी तरह जल गया है। विमान के गड्ढ़े में गिरने की वजह से हवाई अड्डा कर्मियों, पुलिस और अग्निशमन सेवा के कर्मियों को घटनास्थल पहुंचने में कुछ समय लगा, लेकिन फिर राहतकार्य शुरू गया। मुंबई से भी एक राहत विमान मैंगलोर के बाज्पे के हवाई अड्डे पर पहुंच गया है।