शनिवार, 24 जुलाई 2010

दिल्ली की


आज दिल्ली में गर्मी का समस्या है ?
आज हम लोग एक आलग समस्या को जानेगे
कोई भी समाज में तीन उम्र के लोग होते है
पहला बच्चा दूसरा जवान और तीसरा है ........ बिरिर्ध
आज के समय में दिल्ली के लोग एक आलग तरह का जीवन जीना चाहते है इस जीवन में कोई किसी का
आदेश नहीं सुनना नहीं चाहता !
चाहे बच्चे हो , जवान हो .................. इनकी कोई गलती नहीं है
इनके बड़े ही इनको इस काबिल बनाया है
आज बड़े उम्र के लोग भी आपनी उम्र तो ऐसे छुपाते है जैसे मुर्गी छुपाती है बिल्ली से आपने बच्चे को ..
जवान उम्र के लोग तो आपने आप को तो बोलते है मै अभी तो बच्चा हु और आज दिल्ली में जवान लडकी लड़के बच्चे के माप की कपडे भी पहनते है और बोलते है " दिल तो बच्चा है जी !"
लेकिन माने तो बच्चे भी कम नहीं ! स्कुल जाने वाले बच्चे आपने आपको तो बच्चा मानते ही नहीं
आप लोग देखे होंगे रास्ते में जब बच्चे स्कुल जा रहे होते है लड़के तो दिल्ली में एसे स्कुल जाते है जैसे कोई गुंडा स्कुल जा रहा हो पुरे रास्ते लड़ते झगड़ते जाते है और उनकी बाते यदि गलती से सुन लो तो लगेगा की कब एक दुसरे से झगड़ ले ..............
और लडकियों का बात करे तो कहना नहीं है की ये स्कुल जा रही होती है या घुमने कोई मेला ...........
बच्चे चाहते है की हम बच्चे न दिखे और ये सब आप देख सकते है जब कोई "बुलु लाइन बस " वाला स्कुल जा रहे लडको को आपने बस के अंदर न ले ........... आप को बहुत कुछ सुनाने को भी मिलेगा
ये लड़के जब बस के अंदर होते हो और सड़क के किनारे लडकिया या फिर कोई अधिक उम्र की ओरत जा रही हो तब ये बच्चे पता नहीं एसे एसे शब्द बोलते है जिसको सुनाने में बुरा लगता है और ये स्कुल जाने वाले बच्चे बोलते है इससे यही समझ सकते है की बच्चे या तो घर में ये सब भाषा सिखाते है या फिर स्कुल में ...........स्कुल का बात करे तो दिल्ली सरकार बहुत रूपया खर्च का रही है बच्चे को नयी तकनीक की पढाई मिले लेकिन शायद इन बच्चो को कर्म की बाते ही नहीं सीखते ......... जो सबसे आधिक जरुरी है तभी तो आज दिल्ली जैसे शहर में बच्चे माँ बाप को जन से मार देते है इसमे बच्चे की कोई गलती मुझे नहीं दिखता कियोकी बच्चे एक सफेद पेपर के जैसा होता है इस पर घर के बड़े और स्कुल वाले जैसा लिखते है बच्चे वैसा ही कर्म करते है ..... दिल्ली की बात करे तो आज दिल्ली इतनी ही गन्दी हो गयी है की पति को पत्नी पर भरोसा नहीं होता की पति क्या करता ! और आज के दिल्ली वाले पति भी बहुत आगे निकल गए है पत्नी पर तो तनिक भी भरोसा नहीं करते ................एसे घर में ही देखते है बच्चे तो काम तो वैसा ही तो करेंगे .............
आज भी भारत की ७०% जनसंख्या गांव में रहती है और मै बोलता हु की गांव के बच्चे एसे नहीं होते .....
कियोकी माँ बाप को वहां पर भगवन मानते है ......................
आज दुनिया में लोग आपने बच्चे को भी आपने दोस्त बोलते है ताकि उनकी उम्र किसीको पाता नहीं चले लेकिन एसे लोग बोलते है की बच्चे को दोस्त समझना चाहिए
बच्चे को बच्चे समझे ताकि बच्चे भी आपने जीवन को अच्छे से जी सके.......


""""जय हिंद """"""""""जय भारत """""""""""जय जवान """"""""जय किसान """"जय बिज्ञान